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बातों ही बातों में !!!!!!!

  • Writer: Arijit Bose
    Arijit Bose
  • Mar 6, 2017
  • 2 min read
i-will-meet-you-someday

अब बस और कुछ नही

तुम हम और हुमारी परछाई

दो चाय की प्याली

और कुछ गपशप

एक अंजाने से बस्ती में

बैठे हम तुम

सुबह की पहली किर्ने

आसमान बदलता अपना रंग रूप

और यून एक अरसे के बाद हम करते गुफ्तगू

यून एक अरसे के बाद हमने एक साथ वक़्त गुज़ारी

आमने सामने नही तो यादों के सहारे ही सही

दिल की बातों को ज़बान से ना सही कुछ यादगार पलों के ज़रिए ही जी

मानो अभी बातें ख़तम हुई फिर भी कुछ बातें कहने को थी

यून गये दिनों की बातें ऐसे लगे की मानो वक़्त ठहर सा गया हो

रगों में एक नया एहसास और मन में नया जोश दौड़ चला हो

आज मेरी खामोशियों को लगता है एक आपने नया  मोड़ दिया हो

जहाँ से एक दूसरे को एक नया दिशा मिलेगा जीवन जीने को

माना एक दूसरे के आमने सामने हम नही

माना इस दोस्ती की हदें हैं कहीं ना कहीं

आज भी दिल में इज़्ज़त आप के लिए है वोही

आज ज़िंदगी जीने की चाहत बढ़ चली है ये है सही

इंसान आज भी हूँ वोही बस मुक्तसर सी बात ये है की मैं कमज़ोर नही

और यून फ़िज़ूल की बातों से ये दिल रोता नही

मिलने ठुकराने का दौर आज ख़तम हो चला

काफ़ी दिन से बीती बातों के सपनों में मैं हूँ जला

आज अंधेरे से उजाले की ओर बढ़ चला

रास्तों के रोड़े अब हटते नज़र आते हैं

छोटी छोटी बातें ज़िंदगी में आजकल खुशियाँ लाते हैं

मानो या ना मानो ज़िंदगी जीने की तमन्ना फिर से जाग उठी है

ये लिखते  लिखते बस यही लगता है वक़्त का काँटा कैसे घूम जाता है

दिन के 24 घंटे यून देखते देखते गुज़र जाते हैं

भूली बिसरी बातें अब ना सताया करते हैं

बस चंद यादें हैं जो याद आया करते हैं

हम ही हैं जो बातों बातों में वक़्त गुज़ारा करते हैं

बस बचपने के सहारे जिया करते हैं

बस बातों ही बातों में गुज़ारा करते हैं

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