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बातें कुछ अनकही सी

  • Writer: Arijit Bose
    Arijit Bose
  • Feb 23, 2017
  • 2 min read
questions-sky

यून यारों के साथ मिलना

यून गम और खुशी बाटना

यून कभी एक दूसरे की तक़लीफ़ और खुशी में शरीक़ होना

एक दूसरे से रूठना और फिर मनाना

गुस्से से एक दूसरे को गाली देना

दूसरे ही पल सब भुला कर गले लगाना

इस सब की अहमियत है आज जाना

ये कहना की क्या तेरा है क्या मेरा है ये सब है बहाना

आज दिल की यही सोच है की मन में किसी के लिए गिला शिकवा होना है बचपना

कौन कहता है की वक़्त बहुत बीत गया है

कौन कहता है की सांझ बड़ी जल्दी ढल चला है

कौन समझाए उन सबको की ये तो बस घड़ी का काँटा घूम चला है

फिर कभी यून लगे है की मानो वक़्त यून थम सा गया है

समय बिताए नही बीतता

सब लगता बड़ा  बेमाना सा है

जहाँ एक ओर ज़िंदगी में है एक एहसास गर्मजोशी का

वोहीं छोटी छोटी बातें क्यूँ लगता यून कहानी सा

तेरा और मेरा का फ़र्क कभी ना समझ पाया

की आज इस मस्तिष्क़ ने बहुत गहरी चोट है खाया

कभी साथ साथ चलते अगर तो क्या बात थी मेरे दोस्त

यून साइकल पे , यून पैदल या फिर साथ में अपने ग्रूप के निकले तो बहुत मज़ा आया

आज यही सोचता हूँ की क्या खोया और क्या पाया

लम्हों का बीतना और उनकी हुमारे ज़हेन में छाप छोड़ना मानो एक नया सवेरा लाया

उन अपनो से आज भी यही कहूँगा की वो गुज़रे पल मुझे लौटा दो

चाहूँगा नही की मैं इस ऊम्र के बाद दूँ तुम्हे खो

ये तेरा और मेरा का फ़र्क मैने भी भुला दिया है और तुम सब भी भुलादो

आगे रास्तों पर कैसे गुज़रना है ये तो मैने सोचा ही है

तुम भी जल्द से जल्द सोच लो

मानो या ना मानो तुम सब ही इस मर्ज़ की दावा हो

बातों को काग़ज़ पर तो उतरा है लेकिन इसे क्या आप समझ पाएँगे

क्या आप पढ़ के याद रखेंगे हूमें या भूल जाएँगे

कुछ भी हो अब तो हम यारों के साथ खुशी मनाएँगे

जिसने ठुकराया उसके पीछे दोबारा ना आएँगे

यारों से यारी हर पल निभाएँगे

खुशी और तक़लीफ़ को बराबर झेलेंगे

क्या तेरा है और क्या मेरा है ये दोबारा ना दोहराएँगे

अगर याद रखा तो अछा वरना तुम सब को हम भूल जाएँगे

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