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अपने गणपति बप्पा का रूप एक, अंदाज़ अनेक

  • Writer: Arijit Bose
    Arijit Bose
  • Aug 28, 2017
  • 3 min read
Devotees carry an idol of the Hindu elephant god Ganesh for immersion into the Arabian Sea on the last day of the Ganesh Chaturthi festival in Mumbai

बप्पा की लीला तो हर कोई जानता है पर क्या आप जानते हैं की उनका अंदाज़ थोड़ा पौराणिक और थोड़ा फिल्मी है.

बप्पा जिनके 108 रूप हैं वो इस साल हर पंडाल में तिथि अनुसार विराजमान हो चुके हैं

बप्पा का देश भर में पूजा अर्चना किया जा रहा है, वोहीं भक्त भारी मात्रा में उमर पड़े हैं पंडालों में

गणेशजी देखने में आधे इंसान और आधे हाथी हैं परन्तु इस विचित्र संयोग के पीछे एक कहानी है.

कई कहानियाँ हैं गणेश के बारे में परन्तु विग्नहर्ता की उत्पत्ति कैसे हुई ये काफ़ी दिलचस्प है.

गणेशा, मा पार्वती और शिवा के छोटे बेटे हैं. भद्रपाड़ा महीने के चतुर्थी से गणेशोत्सवा शुरू हो गया है

कला और विज्ञान के भगवान गणेशा को सबसे पहले पूजा जाता है जो हर बाधा को दूर कर देते हैं

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सबसे पहले क्यूँ? हम बताते हैं. पार्वती ने एक साल तक व्रत रखा जिससे उन्हे एक पुत्रा की प्राप्ति हो

भगवान विष्णु ने प्रसन्न हो कर उन्हे वरदान दिया और जन्मा एक संतान.

इस मौके को शुभ और शानदार बनाने के लिए शिवा पार्वती ने बहुतों को बुलाया, उनमे से एक शनि भी थे. शनि को ये श्राप था की वो जिसको देखेंगे उसका सर धर से अलग हो जाएगा.

उन्होने ना देखने का ही प्रयास किया, परन्तु पार्वती के बार बार कहने पर उनको देखना पड़ा जिससे अनहोनी हो गयी.

पार्वती अत्यंत क्रोधित और दुखी हो गयी. इसमे आदेश दिया गया की जो भी सबसे पहले दिखे उसका सर लाया जाए.

मनुष्य का सर तो मिला नही परन्तु एक हाथी का सर मिला जिसे पार्वती के संतान के सर की जगह लगाया गया. पार्वती को और भी खुश करने के लिए शिव ने उनसे कहा की उस दिन से हर शुभ कार्य में गणेशा की सबसे पहले पूजा होगी.

Ganesh figures

इतिहासकारों की राय बटी हुई है गणेश चतुर्थी पे कुछ मानते हैं की सबसे पहले छत्रपति शिवाजी ने गणेशोत्सवा शुरू किया.

सदियों बाद इसको नया प्रारूप मिला बाल गंगाधर तिलक के नेतृत्व में.

1892 में गणेशोत्सवा को जब ब्रिटिश ने दबाने की कोशिश की तो क्रांतिकारियों ने आवाज़ भी उठाया.

बप्पा श्रद्धा के पात्र तो हैं ही साथ ही उनका अंदाज़ कुछ फिल्मी भी रहा है विगत वर्षों में.

बॉलीवुड में कई फिल्मों में उनको टेन्षन या फिर सीरीयस सीन्स को दिखाने के लिए बतौर एलिमेंट इस्तेमाल किया गया है. गणेशोत्सवा, आरती, या फिर विसर्जन यात्रा बॉलीवुड में काफ़ी देखने को मिला है.

पीड़ा, चिंता और अंतर्द्वंद को दिखाने के लिए अक्सर बॉलीवुड ने गणपति का सहारा लिया है

Lalbaugcha Raja Mumbai

2017 के सरकार 3 का वो सीन याद कीजिए जब सरकार सुभाष नागरे गणपति की आगे वंदना गा रहे हैं परिवार के साथ और गोली चल जाती है. ये एक टेन्स सीन है पर वो बच के निकल जाते हैं.

या फिर बाज़ीरोआ मस्तानी का वो सीन याद कीजिए जब एक ओर मस्तानी खुद को और अपने बच्चे को बचा रही होती है तो दूसरी ओर गणेश वंदना बॅकग्राउंड में चलते हुए काशी आरती कर रही है.

शंभू सूताया ABCD में एक बड़ा दिलचस्प सीन है जहाँ दो ग्रूप डॅन्स के ज़रिए एक दूसरे को मात देने की कोशिश करते हैं. ये सब कुछ गणेश चतुर्थी के अवसर पर हो रहा होता है.

हृतिक पर फिल्माया गया देव श्री गणेशा कई माईनों में आजकल गणपति वंदना का एंथम बन चुका है जब पंडालों में हम अक्सर ये गाना सुनते हैं. हृतिक जो विजय दीनानाथ चौहान का रोल निभाते हैं वो इसी बीच कंचा छीना के आदमी सूर्या को मारते हैं.

गणेश के बॉलीवुड कनेक्ट की फैरिस्त लंबी है. चाहे वो शोर इन थे सिटी, वास्तव या हम से बढ़कर कौन ही क्यूँ ना हो

बताते चले अभी मुंबई में गणपति की भक्ति में पूरा बॉलीवुड सराबोर है. हर छोटे से बड़ा कलाकार अभी गणपति को अपने घर लाया है और पूजा अर्चना कर रहा है. वोहीं बड़े पंडालों में अपनी हाज़री भी वो लगा रहे हैं.

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