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Writer's pictureArijit Bose

शायद इसी लिए कहा गया है की झुकने से आदमी कद में बड़ा ही होता है

आदमी कितना भी बड़ा हो जाए पर उसे अपनी जड़ें नहीं भूलनी चाहिए और आज के दौर में ऐसा कम ही होता है की आदमी जड़ों से जुड़ा हो. दुनिया में मशहूर लोग जब ज़मीनी ज़िंदगी की मिसाल पेश करें तो लगता है की हमें भी ज़िंदगी में अपने से बड़े का सम्मान कर के लोगों को बताना चाहिए की हम भी सामने वाले की हैसियत और कद को कभी झुठला के कुछ ऐसा नही करें जिससे वो मनुष्य आहत हो.

आजकल सोशिल मीडीया पर बहुत जम के वायरल हो रहा है नारायण मूर्ति और रतन टाटा को वो तस्वीर जो आदमी को बताता है की आदमी कामयाबी के उस शिखर पर पहुँच कर फिर झुकना भी पड़े तो झुकने से कतराना नही चाहिए.  यह वायरल फोटो है देश के दो दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा और इन्फोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति का.

ये तब की तस्वीर है जब TIECon मुंबई 2020 कार्यक्रम में रतन टाटा को लाइफ्टाइम अचीव्मेंट अवॉर्ड से नवाज़ा गया. दोनो ही नामी हस्ती, और उनके उमर में नौ साल का फासला. रतन टाटा 82 साल के हैं तो नारायण मूर्ति 73 साल के हैं.

टाटा और मूरती की दोस्ती काफ़ी पुरानी है. और उनके दोस्ती का किस्सा वाक़ई दिलचस्प है. टाटा और मूरती उस ज़माने से दोस्त हैं जब जेआरडी टाटा (JRD TATA) टाटा ग्रूप के मुख्या थे. उस ज़माने में इन्फ़ोसिस का कोई नाम पता भी नही था. इन्फ़ोसिस की स्थापना 1981 में हुई . पर किस्सा तब शुरू होता है जब सुधा मूरती पहली बार नौकरी की तलाश में घर से बहार निकलीं. उनको इंजिनियरिंग का अच्छा ज्ञान था और उन्होनें म्न्न बनाया की वो विख्यात टाटा ग्रूप में काम करेंगी. जब उन्होंने नौकरी के लिए अर्जी लगाई तो उनकी अर्जी खारिज कर दी गई क्यूंकी वो महिला थीं. जब सुधा को गुस्सा आया तो उन्होनें सीधे टाटा के मुख्या को पत्र भेजा और कहा की ऐसा व्यवहार क्यूँ. जब JRD को उनमें सच्चाई दिखी उन्होने उन्हें इंजिनियर की पोस्ट पर पदासीन किया बतौर पहली महिला इंजिनियर.

सुधा मूर्ति और नारायण मूर्ति की शादी 1978 में हुई. अपनी किताब ‘द लास्टिंग लेगेसी’ में सुधा मूर्ति उस घटना का जिक्र किया कि कैसे उन्होंने जेआरडी टाटा को चिट्ठी लिखकर महिलाओं को नौकरी नहीं देने की शिकायत की थी. ये उस ज़माने का वाक़या था जब लड़कियों को पढ़ाई और इंजिनियरिंग करने की इजाजत नहीं थी. लोगों में उस ज़माने में ये मान्यता थी की इंजिनियर बनने का काम तो केवल लड़कों का है.

600 लोगों के बॅच में अकेली लड़की बनी उस ज़माने में जिसे टाटा मोटर्स अर्थात टेल्को जैसे बड़े ब्रांड ने बाहें फैला कर स्वागत किया, जो अपने क्लास में टॉप करने का कलेजा रखती थी. टाटा की तरफ से इन्हें बुलावा आया और स्पेशल इंटरव्यू लेने के बाद सुधा मूर्ति को टाटा मोटर्स की पहली महिला इंजिनियर के रूप में नौकरी मिली.

सुधा कुलकर्णी शादी के बाद मूरती हो गयीं. 1978 में नारायण मूरती के साथ इनकी शादी हुई. शादी के तीन साल बाद 1981 में इन्फोसिस की स्थापना की गई। उस साल सुधा ने टाटा की नौकरी को अलविदा कह दिया.

आज रतन टाटा और मूर्ती एक ही मंच पर दिखे. रतन टाटा ने समारोह के ख़तम होने के बाद अपने सोशियल मीडीया पर लिखा की बहुत गौरव महसूस करता हूँ कि आज मुझे अपने मित्र नारायण मूर्ति के हाथों से सम्मानित किया गया.

ट्विटर पर काफ़ी पॉपुलर हुआ ये फोटो.

“Infosys co-founder, Narayana Murthy seeks blessings from TATA sons, Chairman Emeritus, @RNTata2000 at #TiEconMumbai. A touching gesture of humility & a historic moment indeed,” लिखा TiE Mumbai ने.

रतन टाटा ने अपना वीडियो शेर करके कहा की मुझे आज बहुत गौरवान्वित महसूस होता है की मैं नारायण मूरती के हाथों सम्मानित हुआ. लोगों ने उनके इंस्टाग्राम स्टोरीस पे इस चीज़ को खूब सर्राहा.

TIE मुंबई ने इसे शेर करके लिखा – “Infosys co-founder, Narayana Murthy seeks blessings from TATA sons, Chairman Emeritus, Ratan Tata at TiEcon Mumbai. A touching gesture of humility & a historic moment indeed.”

Infosys co-founder, Narayana Murthy seeks blessings from TATA sons, Chairman Emeritus, @RNTata2000 at #TiEconMumbai.

A touching gesture of humility & a historic moment indeed. #WednesdayWisdom #narayanamurthy #ratantata

जैसे ही फोटो विराल हुई, एक यूज़र ने लिखा, “Such wonderful mutual respect and admiration for each other.”

आज के दौर में जब छोटा बड़े का तिरस्कार करने से गुरेज़ नही करता, ऐसे में रतन और नारायण की अतरंगी यारी आदमी को ये सोचने में मजबूर करती है की आदर्श दोस्ती और यारा कैसा होना चाहिए.

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