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ना बम, ना बंदूक, ना बारूद, पाकिस्तान के लिए एक फ़िरोज़ ख़ान ही काफ़ी था

  • Writer: Arijit Bose
    Arijit Bose
  • Apr 28, 2020
  • 2 min read

फिरोज खान एक प्रगतिशील व्यक्तित्व के रूप में जाने जाते थे। स्टाइलिश, एक स्टार की बेजोड़ खूबियाँ थीं उनमे, और वह और वह बाखूबी जानते थे की जनता के बीच अपना जगह बनाने के लिए इंसान को क्या चाहिए। सिल्वर स्क्रीन पर राज करने वाले एक स्टार वह अपने मन की बात पूरी शिद्दत के साथ रखते थे । फ़िरोज़ अपने मुखर और दिलकश अंदाज़ के लिए जाने जाते थे। उनकी शैली, उनकी पोशाक और उनके बोलने के तरीके ने उन्हें उद्योग में एक विशेष स्थान दिया। उनके पास किसी व्यक्ति के मूह पर दोषों और अच्छी चीजों को इंगित करने की दुर्लभ क्षमता थी। यही कारण था कि उन्हें बॉलीवुड में बेबाकी का राजा कहा जाता था।

जब फ़िरोज़ खान की फ़िल्म ताज महल 2006 में रिलीज़ हुई, तो उन्होंने इसके प्रचार के लिए लाहौर का दौरा किया था। जब उन्होंने भारत के लिए प्रशंसा की, तो पाकिस्तानी पक्ष के कई लोगों को उनकी बातें चुभी थीं। वास्तव में वह भारत और पाकिस्तान की ईमानदार तुलना थी। फिरोज खान ने भारत की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनका देश धर्मनिरपेक्ष है और वहां रहने वाले मुस्लिम तेजी से प्रगति कर रहे हैं, जबकि पाकिस्तान ने इस्लाम को बढ़ावा देने के लिए एक देश बनाया है, लेकिन यहां मुसलमानों की स्थिति काफी खराब है। यहां के मुसलमान एक दूसरे के दुश्मन हैं। तब पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ यह सुनकर बहुत क्रोधित हुए थे। पाकिस्तान के राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने फ़िरोज़ खान के पाकिस्तान आने पर प्रतिबंध लगा दिया।

गौरतलब है कि जिस समय फिरोज ने ये बातें कही थीं, उस समय मनमोहन सिंह भारत के प्रधानमंत्री थे और एपीजे अब्दुल कलाम राष्ट्रपति थे।

फ़िरोज़ ख़ान ने दीदी के साथ अपनी यात्रा की शुरुआत वर्ष 1960 में की, न केवल अभिनय किया बल्कि निर्देशक के रूप में भी सिनेमा में अपनी शुरुआत की।

फिल्म आदमी और इन्सान के लिए फिल्मफेयर अवार्ड जीतने वाले फ़िरोज़ खान ने कई शानदार फ़िल्मों जैसे रात और दिन, औरत, आग, उपासना, यलगार और वेलकम, मैं वोही हूं, मेला और आग जैसी फ़िल्मों से अपनी एक अलग पहचान बनाई। वहीं, धर्मात्मा, जाँबाज़, क़ुर्बानी, दयावान जैसी फ़िल्मों ने उन्हें प्रसिद्धि दिलाई। फ़िरोज़ खान को आखिरी बार 2007 में फ़िल्म वेलकम में देखा गया था, जो लगभग पाँच दशकों की फ़िल्मी यात्रा थी। फिरोज खान का जन्म 25 सितंबर 1939 को एक पठान पिता और एक ईरानी मां के घर में हुआ था। फिरोज खान के तीन अन्य भाई भी फिल्मों की दुनिया से जुड़े थे। अभिनेता फ़िरोज़ खान का 27 अप्रैल 2009 को कैंसर से निधन हो गया।

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